अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स कहानियाँ – Hindi Sex Stories of Antarvasna

पड़ोसन लड़की को चोदा उसीके घर में


लव रोमांस सेक्स कहानी में मैं अपने पड़ोस की एक लड़की को चाहता था. वह भी मुझे पसंद करती थी तो मुझसे मिलने बात करने के बहाने खोजती थी. एक दिन वो मेरे नीचे आ ही गयी.

दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार.
मेरा नाम वीर है.
मेरी लम्बाई अच्छी खासी है. यह 6 फुट 2 इंच की है. पहले तो मैं काफी दुबला पतला था और किसी बांस के जैसे लगता था.

मैं काफी दिनों से सेक्स कहनियां पढ़ रहा हूं.
तो मेरा भी मन किया कि मैं भी अपनी पहली सेक्स कहानी लिखूं.
कोई भूल हो जाए तो क्षमा करें.

यह लव रोमांस सेक्स कहानी उस वक्त की जब मैं कॉलेज में पढ़ता था.
मैं तब 22 साल का था. उसी दरमियान मुझे मेरी पहली चूत चोदने को मिल गई थी.

मेरा लंड काफी मोटा तगड़ा है. यह तीन इंच मोटा और आठ इंच लंबा है.
जब खड़ा होता है तो मैं गर्व से इस पर हाथ फेरता हूं.

अब बात करता हूं माहिया की, जो कि मेरी पड़ोसन थी.

उस समय उसकी हाइट ज्यादा नहीं थी.
वह तकरीबन पांच फीट की ही थी, लेकिन सुंदर बहुत थी.
एकदम दूध सी गोरी चिट्टी और पतली सी थी.

उस पर गांव के सब लड़के मरते थे.
चूंकि वह पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देती थी बजाए इधर उधर की बात के.

मैं भी पढ़ाई में अव्वल था तो वह मुझसे ज्यादा बोल-चाल रखती थी.

मैं भी उसकी काफी इज्जत करता था और उसे पसन्द भी करता था.
लेकिन मेरी कभी हिम्मत नहीं हुई कि उससे कुछ बोल पाऊं!

हुआ यूं कि मैंने अपने दुबले जिस्म के ऊपर दोस्तों से काफी कमेंट्स पाए तो मोटे होने की ठान ली और डाक्टर की सलाह से सप्लीमेंट खाने लगा.
उस कारण से मैं जल्द ही काफी मोटा तगड़ा और पहले से ज्यादा स्मार्ट हो गया.

अब मुझे लगने लगा था कि माहिया मुझमें कुछ ज्यादा रुचि लेने लग गई है.
वह मुझसे बात करने के ज्यादा बहाने भी ढूंढने लगी थी.

मैंने भी उसे हरी झंडी दे दी.
वह मुझे खुलने लगी.

मौका मिलते ही मैंने उसे प्रपोज करने की सोची.
मुझे मौका मिला तो मैंने तुरंत फायदा उठाने का तय कर लिया.

दरअसल मेरी भाभी के बेटा हुआ था, उसका अनुष्ठान था.

सब पड़ोसी खाना खाकर चले गए थे.
दोपहर को तीन बजे के करीब माहिया अपनी बहन के साथ भोज पर आई.

मैं उस वक्त कमरे में बैठा कुछ काम कर रहा था.
वह खाना खाकर बहन के साथ किसी बहाने से मेरे कमरे में आ गई और पढ़ाई की बातें करने लगी.

मैं भी मौका ढूंढ रहा था.

शायद उसने अपनी बहन को बताया था कि वह मुझे पसन्द करती है. इसलिए उसकी बहन बस चुपचाप हमारी बातें सुन रही थी और हंस रही थी.

मैंने उसकी बहन को किसी बहाने से बाहर भेजा.
तो वह समझ गई और चली गई.

उसके बाहर जाते ही माहिया मेरे और करीब आकर बातें करने लगी.

मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ लिया और बोला- माहिया, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं … क्या तुम भी मुझे चाहती हो?
उसने हां में गर्दन हिला दी.

तो मैंने उसी वक्त उसे अपनी बांहों में भर कर किस कर लिया.
उसने भी मुझे किस किया और वह हंसकर जाने लगी.

उसके पापा थोड़े सख्त मिजाज के हैं तो वह उनका डर बता कर जाने लगी.

उसके घर पर लैंड लाइन वाला ही फोन था.
चूंकि वह हमारे पड़ोस में रहती थी, तो उसके साथ मेरी लेटर के जरिए बातें होने लगीं.

उसने बताया कि वह मुझे पहले से ही पसन्द करती थी, लेकिन जब से मैंने बॉडी बनाई … तब से तो उसकी कई सहेलियां भी मेरी तारीफ करने लगी हैं.

माहिया बोली- सहेलियों की बातें सुन सुनकर मैं भी कोशिश करने लगी थी कि तुमसे बात कैसे आगे बढ़ाऊं?
मैंने उससे कहा- यही स्थिति मेरी भी थी.

अब हम दोनों बातें तो कर लेते, कभी कभी किस भी कर लेते थे.
लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं हो पा रहा था क्योंकि दोनों के घर पर कोई न कोई होता था.

फिर एक मौका मिला.
उसके घर पर उसके मम्मी पापा किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने गए थे.
वे लोग तीन दिन के लिए गए थे तो घर पर दोनों बहनें और बूढ़ी दादी ही थीं.

मैंने सोच लिया था कि यह मौका गंवाना नहीं है.
मैं शाम को उसके घर गया और मौका देखकर उसे अपनी बांहों में भर कर किस करने लगा.

वह भी साथ देने लगी.
मैंने उससे कहा कि मैं रात को अपने घर से बाहर दोस्त के खेत पर पानी लगाने जाने का बोलकर आ जाऊंगा.
वह मुझे सुन रही थी कि मैं आगे क्या कहने वाला हूँ!

मैंने उससे आगे कहा- तुम भी दादी को और अपनी बहन को सुला देना. मैं रात को तुम्हारे घर में आ जाऊंगा. दरवाजे खोल कर रखना.
उसने हंस कर हामी भर दी.

मैं बाहर चला गया.

रात को 11 बजे के करीब मैं अपने घर से निकला.
चूंकि गांव में सब जल्दी सो जाते हैं तो गलियां सुनसान थीं.

मैं उसके घर में आ गया और मैंने देखा कि उसका दरवाजा थोड़ा सा खुला था.
उसने मेरे लिए ही दरवाजे को खुला रखा था.

उसकी बहन और दादी दूसरे कमरे में सो चुकी थीं.

तो मैं उसे दूसरे कमरे में ले गया और उसे अपने सामने देखते ही टूट पड़ा, उसे ताबड़तोड़ किस करने लगा.
वह भी मुझे चूम रही थी.

हम दोनों लव रोमांस सेक्स में बेकाबू होकर एक दूसरे को चूमने चूसने में लगे थे.
लगभग 10 मिनट तक हम दोनों ने किस किया.

तब उसने पजामा और टी-शर्ट पहन रखी थी, मैं भी पजामा टी-शर्ट में था.

मैंने उसके पजामे में हाथ डाल दिया और उसकी मुलायम चूत पर हाथ फेरता रहा.


अब वह और ज्यादा गर्म हो गई और जोर जोर से मुझे किस करने लगी.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी और ब्रा भी उतार दी.

सामने देखा तो उसके बोबे किसी बड़े आकार के नींबू की साइज के थे.
मैंने एक को दबाया, तो वह दर्द से चिल्लाई.

फिर मैं मुँह में लेकर चूसने लगा, तो उसे मजा आने लगा और वह सिसकारियां भरने लगी.

वह बोली- आई लव यू वीर, आज मुझे अपने प्यार से नहला दो.
उसकी कामना सुनकर मैं और जोश में आ गया और उसके बोबे मसलने लगा, चूसने लगा.

फिर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसके बदन से पजामा और चड्डी की आखिरी रुकावट भी निकाल दी.

अब मेरे सामने उसकी मुलायम चूत नंगी थी.

हालांकि मैं पहली बार चूत चोदने जा रहा था लेकिन वीडियो में बहुत देखता था तो पता था कि कैसे चोदना है.

मैं उसके ऊपर चढ़ गया और बेदर्दी से होंठों को चूसने लगा.
फिर नीचे चूमते चूमते उसकी चूत तक आ गया.

वह तो बस आंखें बंद करके मचल रही थी और मादक सिसकारियां भर रही थी.

मैं भी उसके पैर चौड़े करके चूत चूसने लगा.
इससे वह पागल सी हो गई और मेरा सर पकड़ कर जोर जोर से चूत पर दबाने लगी.
मैं भी मस्ती से चूत को चाटने लगा.

मैं पोर्न फिल्म में देखता था तो जैसे कोई कमसिन लड़की चुदते समय तड़फती थी, वह वैसे ही तड़प रही थी.
मैं बस उसकी चूत के अन्दर तक जीभ को पहुंचा रहा था.

वह बोली- पूरे अन्दर घुसोगे क्या?
मैं हंसा और चूसने लगा. वह सिसकारियां भरती हुई अपनी गांड उठाकर चूत चुसवा रही थी.

फिर वह बैठ गई और मेरी टी-शर्ट पजामे को उतार दिया.
जैसे ही उसने मेरी चड्डी उतारी, मेरा लंड देखकर डर गई.

वह बोली- आह … यह तो बहुत बड़ा है!
मैंने कहा- हाँ है तो सही … अब मेरे पास तो कोई दूसरा छोटा वाला है ही नहीं तो क्या करना चाहिए.

वह फटी फटी आंखों से लंड देख रही थी और फिर मैंने उसके हाथ को अपने लौड़े पर रखा तो वह धीरे से लंड को हिलाने लगी.

मेरे लंड ने पहली बार इतने कोमल हाथ महसूस किए थे.
लंड फटने के लिए सांप जैसे तन गया था और फुफकारने लगा था.

वह भी मेरे लंड को पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी.
मैंने कहा- मुँह में ले लो!

उसने मना कर दिया- नहीं, मुझे अच्छा नहीं लगता!
मैं बोला- तो इस पर किस तो कर दे एक?

वह तुरंत किस करने लगी.
मैंने उसे लिटाया और गांड के नीचे तकिया लगा दिया, फिर चूत पर थोड़ा तेल लगा कर चुत को चिकनी कर दिया.
फिर थोड़ा सा तेल लंड पर भी लगा लिया.

इसके बाद मैंने उसकी दोनों टांगें फैलाईं और चूत के ऊपर लंड के सुपारे को रगड़ना शुरू कर दिया.
वह बोली- बहुत बड़ा है … आराम से डालना!

मैंने उसे किस किया और चूत पर लंड से हल्का सा धक्का लगा दिया.

सुपारे के साथ लंड का कुछ हिस्सा जैसे ही अन्दर गया, वह जोर से चिल्ला दी और छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी.

पर बकरी कभी कसाई के हाथ से छूटती भी है … वह कैसे छूटती.
मैं मोटा तगड़ा और वह कमसिन.

मैंने उसे कसके पकड़ा और जोर से धक्के लगाता चला गया.
जैसे ही पूरा लंड चुत के अन्दर गया, वह बेकाबू होकर चिल्लाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी थी.

मैंने अपने मुँह से उसका मुँह दबा लिया और चूसने लगा.
उसकी आवाज निकलना बंद हो गई थी लेकिन आंखों में आंसू आने लगे थे.

वह रो भी रही थी.
मैंने उसे प्यार से सहलाया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा.

कुछ देर बाद वह शांत हुई और साथ देने लगी.
अब मैं उसे थोड़ा तेज रफ्तार से चोदने लगा था, वह कामुक सिसकारियां भर कर किस करने लगी और मुझे कसकर पकड़ने लगी.

हमारा पहला सेक्स था लेकिन उसकी चुत से कोई खून नहीं आया क्योंकि वह खेत में भी काम करती थी इसलिए शायद पहले ही सील टूट गई थी.
उसे भी इसका कुछ पता नहीं था.

मैं तो बस उसे लगातार चोद रहा था.
वह बस ‘आई लव यू वीर … आह चोदो मुझे … और तेज चोदो’ बोल रही थी.

मैंने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और उसे ताबड़तोड़ चोदने लगा.

वह अब ज्यादा ही उछलने लगी और गालियां देने लगी- मादरचोद और तेज चोद … आज छोड़ना मत मुझे … मेरी चूत फाड़ दो!

यही सब बोलते बोलते उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और अकड़ गई थी.
अगले ही पल उसकी चुत से गर्म पानी छूट गया था.
मैं भी उसके गर्म पानी में झड़ गया.

वह मुझे लगातार किस करने लगी.
मैं उसके ऊपर पढ़ा रहा, जब तक कि मेरा 8 इंच का लंड सिकुड़ कर उसकी चुत से बाहर न आ गया.

हम दोनों बहुत खुश थे.

मेरा मन और चोदने का था लेकिन उसे दर्द हो रहा था.

वह पहली चुदाई में ही मोटे लंड से चुदी थी तो उसे दर्द ज्यादा हो रहा था.
मैं भी अपने घर आ गया.

दोस्तो, यह मेरी सच्ची लव रोमांस सेक्स कहानी है आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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मम्मी की बड़े लंड से चुदाई करवाई


हॉट मॅाम नीग्रो सेक्स कहानी में एक दिन मैंने अपनी मम्मी को एक पड़ोसी के साथ चुदाई की तैयारी करती देखा. वे दोनों नंगे हो चुके थे और मम्मी की में लंड जाने को तैयार था.

दोस्तो, मैंने इस कहानी में अपना नाम ऐम्बरोस रखा है. वैसे मेरा असली नाम कुछ और ही है.

मेरे घर में हम 3 लोग ही हैं. मैं, मम्मी और पापा.

यह एक सच्ची सेक्स घटना है.
हॉट मॅाम नीग्रो सेक्स कहानी तब की है, जब मैं कॉलेज में था.

उस वक्त मेरी मम्मी को सेक्स का भरपूर मज़ा नहीं मिल रहा था.
इसका कारण था कि पापा ड्यूटी की वजह से बाहर रहते थे और घर में मम्मी को लंड का स्वाद ही नहीं मिल रहा था.

एक दिन मैंने मम्मी को हमारे किरायेदार के साथ चुत चुदवाते हुए देख लिया था.

हुआ यूं था कि मम्मी का हमारे किरायेदार के साथ टांका भिड़ गया था.
किराएदार एक 40 साल के आस-पास का आदमी था.

वह हमारे यहां मम्मी को इंग्लिश की ट्यूशन पढ़ाने भी आता था जिस वजह से मम्मी की उससे बातचीत बढ़ने लगी थी.

धीरे धीरे उन दोनों में दोस्ती हो गयी और उन्होंने आपस में एक दूसरे के फोन नंबर भी बदल लिए.

फोन नंबर बदले तो व्हाट्सैप पर मैसेज भी होने लगे.
मम्मी को भी उस वक्त किसी मर्द का सहारा चाहिए था और उन्हें लंड की भूख भी थी.

बस उन्होंने उसे अपनी सारी बातें बताना शुरू कर दीं.
वे दोनों ट्यूशन ख़त्म होने के बाद लॉन में बैठे रहते और हंसी मजाक करते रहते थे.

दोनों एक दूसरे की कंपनी को एंजाय करने लगे थे.
उनकी नज़दीकियां बढ़ती गईं.

एक दिन मैंने देखा कि मम्मी खड़ी थीं.
उसी वक्त टीचर आया और उसने मम्मी के चूतड़ों पर हाथ फेर कर ‘हैलो भाभी जी’ कहा और हँसता हुआ आगे बढ़ गया.

मम्मी ने उससे कुछ नहीं कहा बल्कि वे भी हंस कर उसकी बात का जवाब देने लगीं.
इससे उसकी हिम्मत बढ़ गयी.

अगले दिन उसने फिर से मम्मी के चूतड़ों को हाथ लगाया.
मम्मी उसे देख कर मुस्कुराने लगीं.

फिर जब ट्यूशन ख़त्म हुई, तब उसने मम्मी के नजदीक आकर उनके चूतड़ों को जोर से दबा दिया.
मम्मी को भी इस सबमें मजा आने लगा था.

उसने धीरे से मम्मी से कहा- भाभी जी, बहुत दिन हो गए आपसे बात करते करते … आज तो मैं आपको अन्दर से देखना चाहता हूँ!
मम्मी- नहीं, आज नहीं … आज मेरा बेटा आने वाला होगा. कल आप जल्दी आना, उस वक्त मेरा बेटा कॉलेज में रहता है.

टीचर- ठीक है भाभी जी, कंडोम का फ्लेवर कौन सा लाऊं?
मम्मी- नहीं नहीं, उसकी ज़रूरत नहीं है. मेरा ऑपरेशन हो गया है!
टीचर- ओके.

यह कह कर वह निकल गया.

मैं यह सब सुन रहा था क्योंकि मैं दूसरे दरवाजे से अन्दर आ गया था और उन दोनों में से किसी को पता भी नहीं चला था.

दरअसल मैं किचन में कुछ खाने के लिए देख रहा था और बाहर ये सब वार्तालाप चल रहा था.

अगले दिन किराएदार टीचर 11 बजे ही घर आ गया.
उस वक्त मैं कॉलेज के लिए निकल ही रहा था.

मैं- आज जल्दी आ गए सर!

टीचर- हाँ बच्चों के एग्जाम चल रहे हैं, तो केवल एक्स्ट्रा क्लास चल रही है.
मैं- ओके.

यह कह कर मैं चला गया.
लेकिन मैंने घर में सभी जगह वॉइस एनेबल वाले कैमरे सैट कर दिए थे.
उसकी मदद से मैं लाइव टेलीकास्ट अपने फोन पर देख सकता था.

मैं घर से निकल कर पास के एक गार्डन में बैठ गया और फोन चालू करके लाइव सेक्स देखने लगा.

मास्टर शायद पहले अपने कमरे में गया होगा और उधर सामान आदि रख कर वह नीचे आ गया.
उसने बेल बजाई, मुझे कैमरे में सिर्फ आवाज सुनाई दी.

मम्मी ने ‘आती हूँ’ कहा और वे दरवाजा खोलने चली गईं.
फिर उन्होंने जल्दी से उस टीचर को अन्दर घुसा लिया.

मम्मी उसके लिपट गईं और वे उसे वहीं फर्श पर धक्का देकर उस पर चढ़ गईं.

उस दिन मम्मी ने पीले रंग की साड़ी, पीले रंग का ब्लाउज और काले रंग का पेटीकोट पहना हुआ था.
उनके बाल खुले हुए थे और मंगलसूत्र भी पहना हुआ था.
वे बहुत ही सुंदर लग रही थीं.

मम्मी उसके ऊपर बैठ गईं और किस करने लगीं.

दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.
टीचर की शर्ट मम्मी ने उतार दी और वे उसके सीने पर कड़क हो चुके निप्पल को काटने लगीं.

टीचर ने मम्मी की साड़ी ऊपर की और गांड को दबाने लगा.
मैंने देखा कि मेरी मम्मी की गांड बहुत सॉफ्ट और मोटी है.

कुछ ही पलों बाद मम्मी से रहा ना गया और उन्होंने खुद अपने हाथ से टीचर की उंगली को पकड़ कर अपनी गांड में डाल दी और उहह उहह करने लगीं.
फिर मम्मी ने टीचर की पैंट उतारी और चड्डी के ऊपर से ही उसका लंड चाटने लगीं.

टीचर ने उत्तेजित होकर मम्मी का ब्लाउज फाड़ दिया.
अपना ब्लाउज फाड़े जाने से मम्मी गुस्से में आ गईं और मम्मी उसके लंड के टोपे को काटने लगीं.

‘साले मादरचोद मेरे ब्लाउज को क्यों फाड़ा?’
यह कह कर मम्मी ने टीचर के लंड को पुनः काट दिया. टीचर को दर्द हुआ और वह सॉरी बोलने लगा.

मम्मी- भोसड़ी वाले कपड़े फाड़े ना … तो मैं तेरा लंड खा जाऊंगी.
टीचर- सॉरी भाभी जी.
वह जोश में हो गया.

मम्मी- पहले मुझे गर्म कर … फिर चाहे फाड़ देना कपड़े.

यह सुनते ही उसने मम्मी को फर्श पर लिटाया और मम्मी की चुत चाटने लगा.
मम्मी गर्म होने लगीं, उनकी चुत से पानी आने लगा.

मम्मी की साड़ी उतर चुकी थी.
वह फर्श पर पड़ी थी.

अब टीचर मम्मी की चड्डी उतारने लगा.
ब्रा मम्मी ने खुद ही उतार दी थी.

टीचर केवल चड्डी में था और मम्मी पूरी नंगी थीं.

टीचर ने मम्मी को घोड़ी बनने के लिए कहा तो वे फर्श पर घोड़ी बनने लगीं.

फर्श उनके घुटने में चुभने लगा, तो मम्मी ने उठ कर बेडरूम का इशारा कर दिया.
वे दोनों अन्दर आ गए.

अब हॉट मॅाम बेड पर घोड़ी बनी हुई थीं और टीचर लंड घुसेड़ने ही वाला था कि तभी बेल बज गयी और वे दोनों घबरा गए.

बेल मैंने ही बजाई थी क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मम्मी किसी से भी चुदवाने लगें.
वे दोनों घबरा गए और जल्दी जल्दी से कपड़े पहनने लगे.

मम्मी ने ऊपर से बस गाउन पहन लिया और अन्दर से वे पूरी नंगी थीं.
जबकि टीचर शर्ट और पैंट पहन कर तैयार हो गया.

मम्मी ने उसको दूसरे गेट से बाहर भगा दिया.

मैं अन्दर आया तो देखा मम्मी की साड़ी, पैंटी, ब्रा, ब्लाउज पेटीकोट आदि फर्श पर पड़े हुए हैं.
मम्मी जल्दी जल्दी में इनको उठा कर रखना भूल गयी थीं.


मैं- ये सब क्या है?
मम्मी- अरे वह कपड़े सूखने डालने जा रही थी.

मैं- ये तो सूखे हुए हैं!
मम्मी- हां वह धूप लगानी थी कपड़ों में न!

मैं- पैंटी पर सिलवटें हैं, ब्लाउज फटा हुआ है और ब्रा भी अस्त व्यस्त है.

इतना बोलते ही मम्मी मेरे ऊपर गुस्सा करने लगीं और वहां से अपने कपड़े उठा कर चली गईं.
मैंने भी चुप रहने का फ़ैसला किया.

रात को मैं ओर मम्मी खाना खा रहे थे.
तभी मैंने वह वीडियो मम्मी के सामने चला दिया.
मम्मी का तो मानो जैसे खाना रुक ही गया हो … वे सिटपिटा गईं और उनका मुँह उतर गया.

मम्मी- मुझे माफ़ कर दे बेटा. तेरे पापा को पता चला तो वे मुझे बहुत मारेंगे और तलाक़ भी दे देंगे. शायद मुझे सुस|इड भी करना पड़ेगा.
मैं- ठीक है, लेकिन आगे से कभी नहीं होना चाहिए और मेरी एक शर्त भी है.

मम्मी- शर्त … हां बता कैसी शर्त?
मैं- तू एक नीग्रो के साथ सोएगी और मैं देखूँगा.

मम्मी- नहीं, तू कमरे में नहीं होना चाहिए.
मैं- शर्त मंजूर है तो बताओ वर्ना पापा को वीडियो दिखा दूँगा.

मम्मी- नहीं नहीं. तू जो कहेगा मैं करूंगी.
उसके बाद मैंने टीचर को घर से बाहर निकाला.

मैं नहीं चाहता था कि कोई ऐरा-ग़ैरा मेरी मम्मी की चुदाई करे.

पापा आ गए और हम सब ऐसे रहने लगे जैसे सब सामान्य हो.
तभी मैंने फ़ेसबुक पर एक नीग्रो से संपर्क किया और उसे राज़ी कर लिया.

उसने एक शर्त भी रखी कि वह मेरी मम्मी की गांड भी मारेगा.

पापा के जाने के बाद हम दोनों ने प्लान बनाया और मैंने आलेक्स नाम के नीग्रो को घर बुलाया.
वह भारत में रह कर पढ़ रहा था.

उसका शरीर लंबा चौड़ा था और शरीर से काफी तगड़ा था.
उसने अपने लंड की फोटो दिखाई थीं मम्मी को, तो मम्मी तो उसके लंड का आकार देख कर ही शॉक हो गयी थीं.
हालांकि वे काफी उत्तेजित भी हो गई थीं क्योंकि उन्होंने सेक्स कहानियों में शायद यह पढ़ा था कि बड़े लंड से चुदवाने में दर्द तो होता है, पर काफी मजा भी आता है.

वे एक नीग्रो के बड़े लंड से अपनी चुत चुदवाने को तो राजी हो गई थीं पर उन्हें ये नहीं पता था कि वह उनकी गांड भी मारेगा.

तय दिन आलेक्स घर आया.
उसे मम्मी ने पहले दारू पिलाई और खाना खिलाया.

मम्मी किचन में साड़ी पहन कर बर्तन साफ कर रही थीं.
तभी आलेक्स पीछे से उधर चला गया और उसने मम्मी को पकड़ लिया.
मम्मी डर गईं.

उसके सामने मम्मी बहुत छोटी सी लग रही थीं, जैसे भालू के सामने कोई मेमना हो.
आलेक्स ने मम्मी के बूब्स पकड़ कर उनको गर्दन पर जोर जोर से चूमना चालू कर दिया.

मम्मी के हाथ से बर्तन गिर गए और उन्होंने उस नीग्रो की पकड़ से छूटने की कोशिश की.
लेकिन आलेक्स में ताक़त थी.
उसने मम्मी की गांड दबाना चालू कर दिया.

मम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई.
मैं किचन में पहुंचा और सब कुछ देखने लगा.

मम्मी- इसे काले सांड को बोल मुझे अभी छोड़ दे. पहले मैं काम ख़त्म कर लूँ … फिर इसे जो भी करना है करे.
मुझे मजा आ रहा था तो मैंने आलेक्स को नहीं रोका.

आलेक्स ने मम्मी की टांगें चौड़ी कर दीं, उनकी साड़ी ऊपर की और पैंटी को एक झटके में बाहर निकाल दी.
मम्मी की गोरी गांड आलेक्स के काले लंड के आगे मस्त लग रही थी.

आलेक्स मम्मी के चूतड़ों को चाटने लगा और खाने लगा.
उसने मम्मी की गांड में जीभ डाली और हाथ से चुत को सहलाने लगा.

वह मम्मी की गांड पर थप्पड़ लगाने लगा और चुत में उंगली करने लगा.
फिर आलेक्स ने पैंट उतारी और अपना काला साँप बाहर निकाल कर मम्मी की चुत पर रख दिया.

मम्मी- अभी रूको, मेरी चुत पूरी गीली नहीं हुई. तुम्हारा लंड मेरी चुत को फाड़ देगा!
आलेक्स ने अपने लंड पर थूक लगाया और लंड का टोपा चुत पर रख कर अन्दर घुसा दिया.

नीग्रो सेक्स की शुरुआत में ही मम्मी की चीख निकल गयी और आँख से आँसू आ गए- आअहह … मेरी चुत में जलन हो रही है. बेटा इसे बोल कि ये रुक जाए … और जरा तेल लगा ले.

मैंने आलेक्स को देसी घी दिया. उसने लंड पर घी लगाया और मम्मी की चुत पर भी मल दिया.
उसने फिर से अपने लंड को चुत के अन्दर डाल दिया.

कुछ ही देर के दर्द के बाद मम्मी को बड़े लंड से चुदवाने में मजा आने लगा.

पहले राउंड में आलेक्स जल्दी झड़ गया और बाहर आ गया.
मम्मी भी वहीं कमरे में चुदी पिटी सी बैठ गईं. वे अपनी चूत पर हाथ फेरने लगीं.

कुछ देर बाद वे भी बाहर आ गईं तो मैंने एक गिलास में ज्यादा सी दारू डाल कर मम्मी को गिलास पकड़ा दिया- यह आप पी लो, आपको इसकी जरूरत पड़ेगी.
मम्मी ने गिलास ले लिया और गटगट करके दारू हलक के नीचे उतार ली.

उन्होंने मुझसे कहा- एक और बना दो.

तभी आलेक्स ने सिगरेट सुलगाई और कश खींच कर मम्मी को अपनी गोदी में ले लिया.
मेरी मम्मी नंगी थीं और वे उसके लंड पर अपनी गांड घिसने लगीं.

मम्मी ने उसके हाथ से सिगरेट लेकर दारू पीना शुरू की और साथ साथ सिगरेट भी पीने लगीं.
मैं भी सामने बैठा था और दारू का गिलास अपने होंठों से लगे हुए मम्मी को देख रहा था.

आलेक्स मेरी मम्मी की चूचियाँ मसल रहा था और मम्मी को दारू के नशे में उसके साथ सेक्स का मजा लेना अच्छा लग रहा था.
15 मिनट बाद आलेक्स फिर से तैयार हो गया और वह मेरी मम्मी को उठा कर पुनः बेडरूम में ले गया.

उसने मम्मी को घोड़ी बना दिया.
फिर उसने मम्मी की गांड पर थूका तो मैं समझ गया कि अब यह मेरी मम्मी की गांड मारेगा.
मैंने जल्दी से उसे घी दे दिया.

उसने थोड़ा घी लगाया और गांड को मसलने लगा.

मम्मी- बेटा, ये गांड पर घी क्यों लगा रहा है?
मैं- ग़लती से हो गया होगा, अभी चुत पर भी लगाएगा.

मेरे इतना बोलते ही आलेक्स ने मम्मी की गांड में लंड घुसेड़ दिया.
मम्मी तो रोने लगीं और इधर उधर भागने लगीं.

आलेक्स ने दोनों हाथ पकड़ लिए और वह झटके पर झटके देने लगा.
नीग्रो सेक्स से मम्मी चिल्लाती रहीं, पर वह नहीं रुका.

थोड़ी देर बाद हॉट मॅाम चुप हो गईं और मजा लेने लगीं.

दस मिनट बाद आलेक्स झड़ गया.
मम्मी उसके लंड को कपड़े से पौंछ कर चाटने लगीं.

उन दोनों ने एक राउंड और किया.

अब मेरी मम्मी की वासना शांत हो गई थी.
वे मुझे प्यार से देख रही थीं.

मैंने पूछा- कैसा लगा?
मम्मी ने नीग्रो का लंड पकड़ कर कहा- मेरी न जाने कबसे तमन्ना थी कि मैं बड़े लंड से चुदूँ!
मैं हंस दिया.

मेरी मम्मी अब मेरे सामने सेक्स करने लगी थीं.
मुझे भी अपनी मम्मी की सेक्स कामना को पूरा करते देखने में अच्छा लगता है.

तो दोस्तो, ऐसी थी मेरी मम्मी की चुदाई की कहानी.
आपको हॉट मॅाम नीग्रो सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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विधवा भाभी की चुदाई की


हॉट विडो Xxx कहानी में मेरी भाई की असामयिक मौत के बाद भाभी दुखी थी. मैंने उनसे बातें करके उनका दिल बहलाया. हम आपस में खुलते गए. हम दोनों के बीच पहला सेक्स कैसे हुआ?

दोस्तो, मेरा नाम विक्की है.
मैं एक 22 साल का युवक हूँ और काफी स्मार्ट दिखता हूँ.

यह मेरी सच्ची हॉट विडो Xxx कहानी है.

मेरी भाभी का फिगर 34-30-36 का है.
वे दिखने में कयामत लगती हैं. उनका नाम सोनम है और वे 27 साल की बेहद खूबसूरत महिला हैं.
उन्हें देख कर अच्छे अच्छों का लंड खड़ा हो जाए.

मेरे ताऊ जी के लड़के यानि मेरे बड़े भाई, जो उनके पति थे … उनका बीमारी के चलते देहांत हो गया था.
इस कारण से भाभी जी बहुत दुखी रहने लगी थीं.

फिर जैसे जैसे समय बीता, वह उस सदमे से बाहर आने लगीं.

हम सब उन्हें खुश रखने की पूरी कोशिश करते थे.
मैंने भी उनसे दोस्ती की ताकि वे मुझे अपना फ्रेंड समझ कर अपनी फीलिंग्स मुझसे साझा करें.

मेरे मन में उस समय तक भाभी जी के लिए कोई ग़लत भाव या विचार नहीं थे.

मैंने नोटिस किया था कि भाभी जी बहुत अकेलापन महसूस करती हैं तो मैं उनसे मजाक मस्ती करने लगा था.
भाभी जी भी धीरे धीरे सामान्य होने लगी थीं.

अब हाल यह हो गया था कि मैं उन्हें मजाक में इधर-उधर टच भी कर देता था तो वे बुरा नहीं मानती थीं.

एक दिन मैं उनके कमरे में टीवी देख रहा था और मुझे नींद आने लगी तो मैं वहीं सो गया.
भाभी ने भी मुझे नहीं उठाया और वे भी मेरे साथ ही लेट गईं.

नींद में होने के कारण मेरा लंड खड़ा हो गया था जिसका मुझे पता भी नहीं चला था.

अचानक से मैंने करवट ली तो भाभी जी मेरी बांहों में आ गईं जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी गांड में घुस गया.

भाभी की गांड की गर्मी से मुझे अच्छा महसूस होने लगा.

फिर जैसे ही मेरी नींद टूटी और मैंने देखा कि भाभी जी मेरी बांहों में हैं, तो मैं सकपका गया.

मैंने उस टाइम तो कोई रिएक्शन नहीं किया, वैसे ही लेटा रहा.
पर मुझे बड़ा अजीब सा भी महसूस हो रहा था और अच्छा भी लग रहा था.

मैं कुछ ही देर में अपना संयम खो बैठा और मैंने कुछ सोचते हुए आगे की ओर एक धक्का मारा. इससे मेरा लंड सलवार के ऊपर से ही उनकी गांड की दरार में अन्दर को घुस गया.

उसी वक्त भाभी जी के मुँह से आह निकल गई.
मैं डर गया और वैसे ही ढीला होकर पड़ा रहा.

फिर भाभी जी उठीं तो उन्होंने मुझे नींद में समझ कर कुछ नहीं कहा.

शायद उन्हें भी अच्छा लगने लगा था तो वे वैसे ही पड़ी रहीं.
शायद उनके अन्दर की वासना जागने लगी थी.

कुछ टाइम बाद वे वहां से उठ कर चली गईं और मैं भी कुछ देर बाद उनके बिस्तर से उठ कर चला गया.

लेकिन अब मेरा उस सीन को याद कर करके और सोच सोच कर बुरा हाल हो गया था.
मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था.

मैं भाभी को पटा कर चोदने की सोचने लगा.

इस घटना के दो दिन बाद की बात है.
मैं नहाने जा रहा था तो मैंने भाभी से मजाक में कहा दिया- भाभी जी, एक साथ नहाने चलें क्या?

तो भाभी बोलीं- अच्छा बच्चू, ये शौक भी रखते हो … फिलहाल तो तुम अकेले ही जाओ आज मेरे कंधे में दर्द है.
मैंने तपाक से पलट कर कहा- लाओ, मैं आपको मसाज देकर थोड़ा आराम दे देता हूँ.

यह कह कर मैं भाभी के कंधे दबाने लगा और उनके बदन के स्पर्श से मेरा लंड कड़क होने लगा.

कंधे दबाते हुए ही मेरा लंड उनकी कमर से बार बार टच होकर गुर्राने लगा था.
शायद भाभी को महसूस हो गया था तो उन्होंने मुझे मना करते हुए कहा- बस रहने दो अब तुम नहा लो.

मैं भी समझ गया था कि लंड का अहसास भाभी को कुछ कुछ करने लगा था तो वे मना कर रही हैं.
तब मैं नहाने चला गया.

दोपहर के वक्त मैं भाभी के कमरे में गया.
वह उस वक्त लेटी हुई फोन चला रही थीं.

मैं उनसे मजाक करते हुए डबल मीनिंग बातें करने लगा.

लेटी होने की वजह से उनका कुर्ता थोड़ा ऊपर को हो गया था, जिससे उनकी नाभि दिख रही थी.
वे बहुत हॉट लग रही थीं.

मैं तो बस उन्हें चोदना चाह रहा था.

मैंने भाभी से कहा- भाभी आपकी नाभि बहुत हिट लग रही है, आपका पेट और नाभि कितनी क्यूट है!
भाभी- अच्छा … थैंक्स!
यह कहते हुए उन्होंने नॉटी स्माइल पास की.

मैं- भाभी आपका पेट इतना मोटा क्यों होता जा रहा है?

भाभी से मैं इस सब पर खुल कर बात कर लेता था.

भाभी- अरे छोड़ो, ये तो सब कॉपर-टी के कारण हो रहा है!
मैं- भाभी, वह क्या होता है?

भाभी- अरे कॉपर-टी बच्चे होने से रोकती है. तुम्हें पता ही नहीं है क्या?
मैं मजे लेते हुए कहने लगा- ओह … मतलब भैया ने पूरा इंतज़ाम कर रखा था!

इस बीच मैं उनके पेट को सहला भी रहा था.

भाभी- हट बदमाश!
यह कह कर वे हंस दीं- हा हा.


इधर मैं उनके पेट को सहलाता जा रहा था, तो मुझे उनकी सलवार के नाड़े से उनकी झांटों के कुछ बाल दिख गए.

मैं मजे लेते हुआ बोला- भाभी आपके नीचे के बाल दिख गए … शेम शेम!
भाभी ये सब सुन कर हंस दीं और बोलीं- हट बदमाश, क्या क्या देखता रहता है!

मैं अभी भी उनके पेट को सहलाता जा रहा था और वे कुछ भी नहीं बोल रही थीं.
शायद उन्हें अच्छा लगने लगा था.

मैंने हिम्मत की और अपने हाथ को हल्का सा उनकी नाभि से नीचे ले गया.
मैंने देखा कि भाभी अभी भी कुछ नहीं बोल रही थीं. वे बस आंखें बंद की हुई लेटी थीं.

इससे मेरी हिम्मत कुछ और बढ़ गई और मैं अपना हाथ थोड़ा और नीचे ले गया.
ऐसा करते करते मैं उनकी चूत के बाल तक हाथ फेरने लगा.

भाभी बस आंखें बंद की हुई लेटी थीं, तो मैं समझ गया कि भाभी जी चुदासी हो रही हैं.
मैंने देरी न करते हुए उनकी चूत को टच कर दिया और झांटों के साथ साथ चूत को भी सहलाने लगा.

उनकी आह आह निकलने लगी.

अब मुझे कोई डर नहीं रह गया था.
भाभी मादक सिसकारियां लेने लगी थीं.

मैं उन्हें किस करने लगा तो भाभी ने अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए.
हम दोनों में लिप किस शुरू हो गया.
वे अब मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

मैंने धीरे से उनकी सलवार का नाड़ा खींच दिया.
तो भाभी ने अपनी टांगों को हिला कर सलवार बाहर निकाल दी.

उनकी सलवार हटने लगी तो मैंने एक कदम आगे बढ़ कर उनके कुर्ते को भी निकाल दिया.

अब वे मेरे सामने ब्रा पैंटी में थीं.

मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोल कर उसे भी उनकी चूचियों से अलग कर दी.
इसके जवाब में उन्होंने खुद अपने हाथों से अपनी पैंटी उतार दी.

उनकी प्यारी चूत को झांटों से घिरा देख कर मेरे लंड ने एक झटका मारा.
उनकी चूत गुलाब के फूल की तरह खिली हुई थी.

मुझसे रुका नहीं गया और मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया और चाटने लगा.
भाभी मादक सिसकारियां लेती हुई अपने जिस्म को कसमसाने लगीं- आह ऑश … यह क्या कर दिया है आह!

उनकी मदभरी आवाजें निकलने लगी थीं और वे मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी थीं.
कुछ टाइम बाद भाभी अकड़ने लगीं और झड़ गईं.

मैंने देरी न करते हुए अपना सख्त लंड उनकी चूत पर रखा और हल्के से दबा दिया.
कड़क लंड के दबाव से भाभी की चूत चिरती चली गई और मेरा लंड एक इंच तक अन्दर घुसता चला गया.

काफी दिनों के बाद चूत में लंड घुसने की वजह से उन्हें दर्द हुआ और वे हल्के से चीख उठीं.
मैंने उनके मुँह पर हाथ रख दिया और हल्के हल्के शॉट लगाने लगा. अब उनके मुँह से ‘आह आह आउच …’ निकल रहा था.

अगले ही पल मैंने एक तेज शॉट मारा, जिस वजह से मेरा पूरा लंड उनकी चूत में जड़ तक उतर गया.
तेज दर्द के मारे उनकी चीख निकल गई और उनकी आँखों में आंसू आ गए थे.

वे मुझे धक्का देने लगीं पर मैं हटा ही नहीं.
थोड़ी देर तक मैं वैसे ही बिना हिले-डुले उनकी चूत में लंड को पेले पड़ा रहा.

कुछ देर बाद मैंने धक्के लगाना शुरू किया.
तो अब वे भी मेरा साथ दे रही थीं ‘आहह आह चोद दे आहह!’

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और कुछ देर बाद मैंने उनको कुतिया बनने को कहा.
वे झट से कुतिया बन गईं.

मैंने पीछे से लंड चूत में पेल दिया और उन्हें धकापेल चोदना चालू कर दिया.

कुछ 15 मिनट बाद भाभी झड़ गईं और अब वे कंपकंपाने लगीं.

मैं अभी नहीं झड़ा था तो उन्हें चोदता रहा.
इस बीच वे दूसरी बार भी झड़ गईं.

अब उन्होंने कहा- जल्दी फारिग हो जाओ.
यह सुनकर मैंने भी तेज तेज से धक्के मारे और उनकी चूत में ही झड़ गया.

हम दोनों ऐसे ही नंगे बेड पर पड़े रहे.

कुछ देर बाद मैं और भाभी जी एक दूसरे को किस कर रहे थे.
फिर ऐसे ही थोड़ी देर लेटे रहे.

मैंने भाभी के एक दूध को दबाते हुए कहा- अपने देवर को नंबर तो दे दो भाभी … मैं पास हुआ हूँ या फेल?

हॉट विडो Xxx भाभी ने मेरे लंड को सहलाते हुए कहा- सौ में से एक सौ दस नंबर पाए हैं मेरे देवर ने. बस जरा देर कर दी.
मैंने कहा- हां जरा फ़ट्टू किस्म का है न आपका देवर!

वे हंसने लगीं और बोलीं- उस दिन जब तुम मेरे पीछे से हमला करने के मूड में थे न … तभी से मेरी वासना भड़की हुई है!

मैंने कहा- हां भाभी, उसी दिन से मेरी भी आग भड़की हुई है.
वे मेरी नाक पकड़ कर बोलीं- फिर बुझाई क्यों नहीं!

मैंने कहा- गांड फट रही थी कि कहीं रायता न फैल जाए!
वे हो हो करके हंसने लगीं.

उसके बाद मैं उन्हें अपने सीने से लगा कर प्यार करने लगा.
वे मुझे अपने दूध पिलाने लगीं- विक्की मेरे दूध चूसो न … इन्हें किसी मर्द की बड़ी जरूरत है.

मैंने उनके एक दूध को अपने होंठों में दबाया और खींच खींच कर चूसने लगा.

मेरी और भाभी की जल्द ही दूसरी चुदाई भी होना शुरू हो गई.
अब हम दोनों कभी भी चुदाई कर लेते हैं. उन्हें भी अकेलापन महसूस नहीं होता है.

दोस्तो, यह मेरी एकदम सच्ची सेक्स कहानी है.
आप सभी हॉट विडो Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट करें.
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ब्वॉयफ्रेंड के साथ रात भर की चुदाई


फुल नाईट सेक्स विद BF का मजा मैंने उसे आधी रात के बाद अपने घर बुला कर लिया. हम दोनों सेक्स चैट कर रहे थे कि चुदाई का मूड बन गया. मैंने उसे बुला लिया.

फ्रेंड्स, मेरा नाम मीरा है और मेरे ब्वॉयफ्रेंड का नाम आकाश है. हम दोनों के बीच पिछले 4 साल से रिश्ता है.
मैं 19 साल की हूँ, वह 20 साल का है.

हम दोनों अक्सर चुदाई करते रहते हैं लेकिन अभी कुछ महीनों से हम दोनों को चुदाई करने के लिए कोई सही जगह नहीं मिल रही थी.

फिर उसके साथ फुल नाईट सेक्स विद BF का मजा मैंने ऐसे लिया कि एक रात में लगभग एक बजे का समय था … और हम दोनों कॉल पर बात कर रहे थे.
वह मुझसे बहुत ही गंदी गंदी बातें कर रहा था, जिससे मेरी चूत में आग लग गई थी.

उधर उसका भी लंड खड़ा हो गया था.

हम दोनों को चुदाई करने का मन तो था पर समझ में नहीं आ रहा था कि कहां जाएं.

अचानक से मेरा ध्यान गया कि मेरे घर के ऊपर आधा हिस्सा बना हुआ था.
मेरे मकान मालिक ने पैसों की तंगी की वजह से अधूरा काम करवा कर निर्माण कार्य रोक दिया था.
उन कमरों में दरवाज़ा लगाना बाकी था.

मैंने अपने ठोकू को बताया.
तो वह आने के लिए झट से तैयार हो गया क्योंकि एक तो उसका घर मेरे घर से बहुत करीब है.
दूसरा, यह जगह एक सेफ जगह साबित हो सकती थी.

रात को करीब 2 बजे वह किसी तरह वहां आ गया.
उस वक्त मेरे घर में सब लोग सोए हुए थे.

मैंने बाहर से दरवाज़ा बंद किया और ऊपर चली गई.

मैं जैसे ही उससे मिली, वह मुझे किस करने लगा. मैं भी उससे चिपक गई.

वह एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा.
हम दोनों गर्म तो पहले से ही थे इसलिए उसने जल्द ही मेरी सलवार उतार दी और साथ ही अपना पैंट भी निकाल दिया.
फिर उसने मुझे नीचे बैठाया और मेरे मुँह में अपना कड़क लंड डाल दिया.

मैं बहुत ज़ोर ज़ोर से उसके लौड़े को चूसने लगी.
जिससे जल्द ही उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं- आह जान … क्या मस्त चूस रही हो … कितने दिन से मेरे लंड को तुम्हारे मुँह की गर्मी याद आ रही थी आह!

कुछ देर बाद उसने मुझे उठाया और मेरी एक टांग को अपने हाथ से उठा दिया.
इससे मेरी गीली चूत खुल कर उसके सामने आ गई थी.

उसने एक झटके में मेरी चूत को चीरते हुए अपने लंड को अन्दर तक घुसेड़ दिया और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.

मेरे मुँह से कामुक आवाजें आने लगीं- ‘अया अया उफ्फ़ … और ज़ोर से चोदो आकाश!

वह पूरे जोश में मुझे चोदने लगा.
मेरा बदन अकड़ने लगा और मेरी चूत से पानी बाहर आ गया.
मेरी चूत का रस मेरी टांग पर से होते हुए नीचे को बहने लगा.
पानी निकलने से आकाश का लंड सटासट अन्दर बाहर होने लगा.

आकाश अभी भी गर्म था तो वह ज़ोर ज़ोर से मुझे चोद रहा था.
मेरे मकान के ऊपर के हिस्से में यह आधा बना कमरा एकदम खाली था तो वहां फॅक फॅक की तेज आवाज़ आने लगी.

मैं इस आवाज से जरा सशंकित हो उठी कि कहीं कोई जाग न जाए.
पर चुदने में मजा भी आ रहा था तो मैं चुपचाप अपनी चूत फड़वाती रही.

कुछ देर बाद आकाश का रस भी निकलने वाला हो गया था.

उसने ज़ोर से मेरे बूब्स दबाए और पूरा पानी मेरी चूत में निकाल दिया.

कुछ देर बाद उसका और मेरा फिर से चोदना हुआ.
इस बार वह मुझे वहां के आधे बने किचन में लेकर गया और किचन की स्लैब पर मुझे बैठा दिया.

वह खुद नीचे खड़ा हो गया.
इस पोजीशन में मेरी चूत बिल्कुल उसके लंड के पास थी, वह ज़ोर ज़ोर से मेरे एक चूचे को दबाने लगा और दूसरे दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा.

साथ ही वह मेरे होंठों पर क़िस भी करने लगा, जिससे हम दोनों फिर से गर्म हो गए थे.

अब उसने मेरी चूत में लंड डाल कर मुझे चोदना चालू किया.
पहले तो वह धीरे धीरे चोद रहा था, पर जब मुझे मज़ा आने लगा, तो उसने ज़ोर ज़ोर से चोदना चालू कर दिया.

उसकी चुदाई से मेरे बूब्स हिलने लगे और फॅक फॅक की आवाज़ आने लगी.

वह मुझे धकापेल चोदने में मस्त हो गया और मेरी आंखें मस्ती में मुंद गईं.
मुझे तो ऐसा लग रहा था, जैसे इतने महीनों बाद मेरी टांगों के बीच की झील को जन्नत का दरवेश मिल गया हो.

मेरी चूत उसके लौड़े से चुद चुद कर चुदक्कड़ हो गई थी.
कुछ देर चोदने के बाद उसने मुझे स्लैब से नीचे उतार दिया और मुझे पीछे पलटा कर मेरी एक टांग को उस स्लैब पर रख कर पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया.


मुझे अपनी चूत में उसका लंड किसी गर्म रॉड सी चलती हुई महसूस हो रही थी और वह मुझे दम से चोदने में लग गया.

वह मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्का देने लगा था.
उसकी तेज रफ्तार वाली चुदाई से जल्द ही मेरी चूत ने अपना पानी निकाल दिया.

पहले तो मैं निढाल हो गई, पर उसके लगातार लंड पेलने से मैं वापस गर्म हो गई.
अब मैं उससे बोलने लगी- आह चोदो मेरी जान … और ज़ोर ज़ोर से चोदो.

मेरे साथ साथ वह भी कहने लगा- हां मेरी जान, आज तो मैं फुल नाईट सेक्स करके अपनी आग बुझा कर ही जाऊंगा और तेरी चूत का भोसड़ा बना कर ही मानूँगा. आज की ये चुदाई तू हमेशा याद रखेगी … आह ले साली लंडखोर रंडी आह आह लंड ले कुतिया!

वह उत्तेजना में गाली देते हुए सिसकारियां भरने लगा और कुछ ही वक़्त के बाद उसने अपने लौड़े से पानी निकाल दिया.

अब तक की चुदाई से हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे.
कुछ देर तक हम दोनों ने स्लैब पर बैठ कर आराम किया.

फिर वह स्लैब पर ही लेट गया और मैं उसके ऊपर लेट गई थी.

कुछ देर आराम करने के बाद उसने मुझे किस करने शुरू किया, मैं भी उसका साथ देने लगी.
उसने मेरी कुर्ता उठा कर मेरे बूब्स दबाए और एक दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा.

मैं भी एक छोटे बच्चे की तरह उसे अपना दूध पिलाने लगी.
वह कभी एक दूध पीने लगता तो कभी दूसरी तरफ के दूध को चूसने लगता.

मैंने भी लंड हाथ में लिया और उसे खड़ा करने के लिए हिलाने लगी.

कुछ देर बूब्स दबाने के बाद उसने चूत में उंगली चलाना चालू किया.
आह … आह.

मैं भी टांगें फैला कर उसकी उंगली से चुदने लगी.
उसने अपने एक हाथ की 3 उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं और ज़ोर ज़ोर से अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा.

अब तक उसका लंड वापस कड़क हो गया और मेरी चूत भी तैयार हो गई थी.

उसने अपने लंड के टोपे को मेरी चूत के दाने पर रगड़ना चालू कर दिया.
मेरी चूत तड़पने लगी.

वह मेरी चूत तो तड़फता देख और ज्यादा चुदास से भर गया.
फिर धीरे धीरे अन्दर बाहर करते करते उसने लंड डाल दिया.

मैं अपने बूब्स दबाने लगी और कहने लगी- लगता है आज मेरी चूत फाड़ कर ही जाओगे!
वह कहने लगा- तो क्या हुआ मेरा ही हक़ है. मैं नहीं चोदूंगा तो क्या किसी बाहर वाले से चुदाई करवाएगी?
मैं हंस दी.

वह मुझे तेज रफ्तार से चोदने में लग गया और अपने होंठ मेरे होंठों में फँसाने लगा.

उसको जोश आ गया था.
अब तो वह मुझे ऐसे चोदने में लग गया कि मेरे बूब्स हिलने लगे.

वह मेरे बूब्स पर थप्पड़ मारने लगा और मुझे मीठा दर्द देने लगा.
अया … आह.

वह फुल स्पीड से मेरी चूत को चोदने लगा.
थोड़ी देर तक चोदते हुए ही वह कहने लगा- तू मेरे से ऐसे चुदने लगी है, जैसे मेरी रंडी बन गई है. मेरा तो दिल कहता है कि दिन में दस बार तुझे पटक पटक कर चोदूँ!

मैंने कहा- हां तो बना लो अपनी रांड और रोज़ चोदना मेरी चूत को!
आकाश बोला- तुझे रांड बनाऊंगा, तो कभी कपड़े ही नहीं पहनने दूँगा. रात दिन बस तेरी चूत ही चोदता रहूँगा!

मैं हंसने लगी और उससे चुदते हुए ही उसे अपने एक दूध पिलाने लगी.
फिर कुछ देर रक चोदते हुए ही उसने मुझे कई गालियां देनी शुरू कर दीं.

‘आह साली तू मेरी रांड है, मेरी चुदक्कड़ गर्लफ्रेंड है … मैं तुझे अपनी छिनाल बना कर रखूँगा!’
मैं भी उससे हां हां कहती जा रही थी.

फिर चुदाई का चरम आया और हमारे स्खलन होने का वक़्त हो गया.
झड़ कर हम दोनों लंबी लंबी सांसें लेने लगे.

दो बजे से साढ़े पांच बजे सुबह तक फुल नाईट सेक्स करने के बाद वह चला गया और मैं भी वापस अपने कमरे में आ गई.

ऐसे ही हम दोनों मौका मिलते ही ऊपर आ जाते और चुदाई करने की जुगाड़ देख कर चुदाई करते रहे.
दोस्तो, मैं उमीद करती हूँ कि आपको मेरी और मेरे ब्वॉयफ्रेंड की चुदाई पसंद आई होगी.

मैं अपनी चुदाई की कहानी को लेकर आपसे दोबारा मिलूंगी, तब तक आप मेरी फुल नाईट सेक्स विद BF का मज़ा लीजिए और मुझे मेल व कमेंट्स कीजिए.
Khemchandtak848@gmail.com
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लंड की प्यासी मामी की चूत की प्यास बुझाई


हॉट मामी वांट सेक्स कहानी में मेरे मामा के एक्सिडेंट से वे असमर्थ हो गए थे. मैं उनकी सेवा के लिए उनके पास रहने लगा. चुदाई के बिना मामी की वासना बढ़ रही थी. मैंने उसका हल किया.

फ्रेंड्स, मेरा नाम मुकुंद है.
मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ.

मेरे परिवार में मैं मेरी मम्मी और मैं ही रहता हूँ.

मेरी मम्मी का मायका प्रतापगढ़ में है.
काफी दिन से मैं अपने मामा के यहां ही रहता हूँ क्योंकि मेरे मामा का एक्सिडेंट हो गया था, जिससे वे चलने में असमर्थ हो गए थे. अब वे बस लेटे रहते थे, कुछ कर नहीं पाते थे.
उनकी सेवा करने के लिए मैं उनके घर आ गया था.

मेरे मामा 38 साल के हैं.
उन्हें बिस्तर पर पड़े पड़े दो साल हो गए थे.
लैट्रीन के लिए भी उन्हें सहारा देकर उठा कर ले जाना पड़ता था. उस वजह से उन्हें मेरी ज़रूरत पड़ती थी.
मैं और मामी उनकी सेवा करते थे.

मामी घर में अकेली थीं.
उनका एक लड़का जो अभी छोटा था तो उन्हें मेरी जरूरत थी.

यह हॉट मामी वांट सेक्स कहानी इसी मामी की है.

मामी की उम्र अभी 36 साल है.
मेरी मामी जवान हैं और मामा की असमर्थता के कारण वे चुदासी रहने लगी थीं, जबकि वे काफ़ी चुदक्कड़ किस्म की महिला हैं.
वे अपनी चूत की प्यास अपनी चूत में उंगली डालकर करती हैं.

लेकिन पहले मुझे यह सब पता नहीं था.

मामी मुझे बहुत प्यार करती थीं, मुझे गले से लगा लेती थीं.

मैं सोच रहा था कि वे मुझसे प्यार करती हैं इसलिए ऐसा करती हैं.
जबकि मैं गलत था, वे मुझसे चुदवाना चाहती थीं.

जब मैंने उन्हें देखने का नजरिया बदला और उन्हें किसी माल की नजर देखा तो समझ में आया कि वे तो एकदम रेडी टू फक वाली आइटम हैं.

उन दिनों हुआ यूं कि मामी जी की भी तबीयत खराब रहने लगी थी.
एक दिन उनकी कमर में दर्द हो रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा- मोनू, मेरी कमर में तेल मालिश कर दो!

वे मुझे प्यार से मोनू बुलाती थीं.
मैं बोला- ठीक है मामी!

उनकी कमर में तेज दर्द हो रहा था.
वे बिस्तर पर लेट गईं.

मैं उनके पीछे ही तेल लेकर बैठ गया और तेल लगाने लगा.

मामी ने साड़ी पहनी हुई थी.
मैंने साड़ी का पल्लू नीचे किया और मामी का ब्लाउज पीछे से खोल दिया.
उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.

मैं उनकी कमर में तेल लगाने लगा.

मामी की ब्रा की पट्टी हाथ में अटक रही थी.
तो मैं मामी से बोला- मामी इसे भी खोल दूँ?
मामी बोलीं- ठीक है.

मैं उनके बदन पर मालिश करता रहा और मामी की गांड पर बैठ गया.

थोड़ी देर में ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मामी की गांड पर रगड़ मारने लगा था.
मामी बोलीं- मोनू ये मुझे क्या चुभ रहा है?

यह कहते हुए उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को सहला दिया.
मामी बहुत मजाकिया टाइप की थीं तो मैं शर्मा गया और हँसने लगा. मैं समझ गया कि हॉट मामी वांट सेक्स!

वे बोलीं- कोई बात नहीं, सही कर लो … मुझे चुभ रहा है!
मैं बोला- ठीक है मामी.

थोड़ी देर बाद फिर से मामी की गांड में मेरा लंड घुसने लगा.
मामी को लंड चुभने के साथ अच्छा भी लग रहा था लेकिन वे कुछ बोल नहीं रही थीं.

अब मैं उठा और कहा- मामी आपका हो गया!

अभी वे कुछ कहतीं, तभी मामा की आवाज़ आई- मोनू!
मैं बोला- हां मामा!
वे बोले- यहां आओ, मुझे बाथरूम जाना है, थोड़ा करवा लाओ!
मैं बोला- ठीक है मामा.

मैं चला गया.

कुछ देर बाद मैंने चाय बनाई और हम सब लोग बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे.
मैं बाहर घूमने चला गया.

शाम को वापस आया तो मामी रसोई में खाना बना रही थीं.
खाना बनने के बाद मामा, मामी और मैंने एक साथ खाना खाया और सब लोग लेट गए.

रात में मामी मेरे पास आईं और बोलीं- मोनू प्लीज मेरी कमर में तेल मालिश कर दो यार … मेरी कमर में फिर से दर्द हो रहा है!
मैं बोला- ठीक है, आप लेट जाओ अभी कर देता हूँ.

मामी- ठीक है.
मैं उनकी कमर में तेल मालिश करने लगा.

मैं मामी से बोला- मामी अपने कपड़े उतार दो, तेल लग रहा है. कपड़ों में लग जाएगा.
उन्होंने तुरंत अपनी साड़ी ऐसे निकाल दी, मानो वे यही सुनने का इंतजार कर रही थीं.

मैं फिर से तेल मालिश करने लगा और मैंने उनके ब्लाउज के बटन व ब्रा को भी खोल दिया.
मामी ने अपने ब्लाउज के बटन और ब्रा का हुक खुलते ही अपने उन दोनों कपड़ों को खुद ही उतार दिया.

अब वे ऊपर से नग्न हो गई थीं लेकिन वे औंधी लेट गई थीं इसलिए मुझे उनके दूध न दिख सके.

पर मेरे जैसे युवा को अपने सामने अपने सपनों की रानी के नग्न दूध की कल्पना मात्र से रहा नहीं जा रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि बस अभी ही अपने हाथ बढ़ा कर मामी के मम्मों को पकड़ कर भींच लूँ और उनकी चुदाई करना शुरू कर दूँ.

मैं उन्हें देख रहा था और वे औंधी लेट गई थीं.
तभी मामी ने कहा- मोनू क्या सोच रहे हो … आ जाओ न और फिर से करो मेरी मालिश!

मैं हां कहते हुए उन्हें देखने लगा. मामी केवल पेटीकोट और पैंटी में थीं.
मैंने मामी से कहा- अब इन्हें भी निकाल दो न … तो मैं आपकी सही से मालिश कर दूंगा.

मामी बोलीं- हां ठीक है. मैं उतार देती हूँ.
उन्होंने पेटीकोट का नाड़ा ढीला किया और नीचे सरका कर निकाल दिया.

उसके बाद मामी केवल चड्डी में रह गई थीं.
मैं उनकी गांड के जरा ऊपर तेल से मालिश कर रहा था और धीरे से मामी की चड्डी को सरका कर उनकी गांड पर भी हाथ फेर दे रहा था.

वे मजे में मेरे हाथ का आनन्द ले रही थीं.
वे बोलीं- जरा ऊपर को भी करो न!

यह सुनकर मैं उनकी गांड पर बैठ गया और उनकी पीठ को तेज तेज मसलते हुए मालिश करने लगा.
उस वजह से मेरा लंड उनकी गांड से रगड़ने लगा और जल्द ही खड़ा हो गया.

मेरा लंड मामी की गांड की दरार में लग रहा था.

इस बार मामी स्पष्ट शब्दों में बोलीं- तुम्हारा लंड मेरी गांड पर लगा रहा है!

मैं वासना से तप्त हो गया था तो बिंदास उनकी एक चूची को साइड से दबाता हुआ बोला- कोई बात नहीं, लगने दो … आपको अच्छा लग रहा है न!

मामी बोलीं- हां अच्छा तो लग रहा है लेकिन तुम उसे पैंटी के ऊपर से क्यों रगड़ रहे हो, मेरी पैंटी भी निकाल दो!


मैंने तुरंत उनकी पैंटी को निकाल दिया.
वे भी तुरंत मुड़ कर मुझे देखने लगीं.

अब मामी मेरे सामने नंगी एकदम थीं और अपने होंठ दबा कर मुझे वासना से देख रही थीं.
उनके होंठों पर जहरीली मुस्कान थी.

मैंने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उनके गाल को सहला दिया.

वे अपने एक हाथ को पीछे उठा कर मेरे लंड को टच करते हुए कुछ इशारा करने लगीं.
मैं समझ गया और उन्हें नंगी देख कर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए.

अब मैंने पीछे से ही मामी की गांड में अपना लंड को सैट कर दिया और तेल लगाने लगा.
मामी बोलीं- बहुत मजा आ रहा है, जरा और अन्दर तक करो!

यह सुनकर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और मामी की गांड में घुसेड़ने लगा.
मामी चिल्लाईं- उइ … यह क्या कर रहे हो?

मैं बोला- कुछ नहीं मामी बस आपको मजा देने की कोशिश कर रहा हूँ!

वे बोलीं- मजा देने की जगह तुम दर्द दे रहे हो … पीछे वाले छेद में मत डालो … उधर बहुत दर्द होता है! अभी तक मैं कभी अपनी गांड नहीं मरवाई हूँ. मेरी चूत में पेलो.
मैंने कहा- ओके!

मैंने पीछे से ही अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर मामी की चूत में पेल दिया और लंड घुसेड़ कर उनकी चूचियों की तेल से मालिश करने लगा.

थोड़ी देर बाद मामी बोलीं- तेल मालिश बंद कर दो और मेरी चूत की आग को बुझा दो. जब से तुम्हारे मामा का एक्सिडेंट हुआ है, तब से अभी तक मेरी चूत की आग भभक रही है. आज तुम मेरी चूत की आग को बुझा दो.

यह कह कर मामी सीधी हो गईं और मुझे प्यासी नजरों से देखने लगीं.

मेरा लंड अभी सही से नहीं लगा था तो उनके मुड़ते ही चूत से निकल गया.

मैंने मामी से अलग होकर उन्हें पलटने को कहा.
वे झट से सीधी हो गईं और मैंने मामी की चूत में ज़बरदस्ती अपना मुँह लगा दिया.

मैं मामी की प्यासी बुर को चाटने लगा.
पानी की बुर से अजब सी महक आ रही थी लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं मामी की बुर चूसने लगा और उनकी बुर में अपनी पूरी जीभ को अन्दर घुसेड़ दिया.

मामी को बहुत मजा आने लगा.
वे मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं- अब जल्दी से चूत को पूरा मजा दे दे.

मैंने पोज बनाया और उनकी चूत में अपनी एक उंगली को पेल दिया.
मामी को अपनी चूत में मेरी उंगली को लेते ही गजब का नशा हो गया.

वे बोलीं- दूसरी उंगली भी अन्दर डालो.
मैंने दूसरी उंगली भी अन्दर पेल दी.
उनकी आह निकली और वे अपनी टांगों को फैलाती हुई बोलीं- तीन उंगलियां डालो.

मैंने तीसरी उंगली को भी डाल दिया और चूत की रगड़ाई करने लगा.
मैं अपनी उंगली से मामी की चूत चोदने लगा था तो वे बोलीं- मोनू बस कर अब लंड पेलो.

मैं बोला- हां मामी, मैं अभी अपना पूरा हथियार डाल देता हूँ.

मैंने पोज बनाया और उनकी चूत में अपना लंड का सुपारा रख दिया.

मैं उनके ऊपर चढ़ गया.
मामी मुझे वासना से देख रही थीं.

मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए.
मामी ने अपने हाथों से मेरी गांड को अपनी तरफ खींचा तो मेरा लंड उनकी चूत में घुस गया.

अब मामी दर्द से बिलबिलाने लगीं- आह मोनू, जरा धीरे से अन्दर करना … मेरी चूत एकदम चिपक गई है.

मैंने उनकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसते हुए उसे खींचने लगा.
मामी को अब मजा आ रहा था.

फिर मैंने थोड़ा सा लंड मामी की चूत में और अन्दर पेला.

मामी को बेहद दर्द होने लगा था और उनकी चूत से पानी रिसने लगा था.

धीरे धीरे मैंने अपना लंड पूरा मामी की चूत में पेल दिया और उनके ऊपर लेट गया.
अब मैं लंड अन्दर पेले हुए ही मामी के होंठों की चुसाई के साथ अपने दोनों हाथों से उनकी चूचियों को मसल रहा था.

इस वजह से मेरा पूरा वजन मामी के ऊपर था.
वे भी मुझे अपने ऊपर चढ़वा कर जरा सा भी वजन महसूस नहीं कर रही थीं.

मामी सेक्स के बहुत नशे में थीं शायद, जिससे उनको मेरा भार पता ही नहीं चल रहा था.
कुछ देर बाद मैं सही से हुआ और उनकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

मामी मेरे लंड के मज़े ले रही थीं.

अब तो उनकी मादक आहें निकलने लगी थीं.
वे बोल रही थीं- आआह अया मोनू … मजा आ गया आह खूब तेज तेज मालिश कर दो मेरी चूत की … आह इसकी अन्दर तक की खुजली मिटा दो … मैं दो साल से प्यासी हूँ.

कामुक भाव से मामी मुझे तेज चोदने के लिए बोल रही थीं.

मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और अपने लंड पर थोड़ा सा और तेल लगा कर मामी की चूत में वापस घुसेड़ दिया.

करीब 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और वे भी झड़ गईं.
फिर हम दोनों नंगे ही लेटे रहे.

कुछ देर बाद मामा की आवाज आई- मोनू कहां हो?
मैं तुरंत उठा और कपड़े पहन कर मामा के पास चला गया.

शायद मामा को पेशाब के लिए बाहर जाना था.
मैं उनको लेकर पेशाब करवाने ले गया.

तब तक मामी भी कपड़े पहन कर आ गईं. मामी ने मेरा हाथ पकड़ कर मामा को सहारा दिया और मैं उनके हाथ को अपने हाथ में लेकर मुस्कुराने लगा.

कुछ देर बाद मैं मामा को वापस लिटा कर अपने कमरे में आ गया.
मामी मामा के पास ही लेट गईं.

ऐसे ही अब मैं और मामी हमेशा चुदाई करने लगे थे.

अगले दिन से मैंने मामी के साथ किस तरह से चुदाई का सही सिस्टम बनाया और उनकी कुंवारी गांड को खोल कर उनके दूसरे छेद को चालू कर दिया.
यह सब मैं अपनी अगली कहानी में लिखूँगा.

आप मुझे अपने मेल से बताएं कि आपको हॉट मामी वांट सेक्स कहानी कैसी लगी.
Khemchandtak848@gmail.com
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गर्लफ्रेंड की भाभी की जबरदस्त चूदाई


देसी चूत चुदाई कहानी में मेरी GF की भाभी सांवली सलोनी है. मैंने मजाक में गर्लफ्रेंड को कहा कि अपनी भाभी से मिलवा दे. उसने सच में मिलवा दिया और मैंने उसे सेक्स के लिए सैट कर लिया.

दोस्तो, कैसे हो आप सब!
मैं आकाश (नाम बदला हुआ) आप सभी का अपनी दूसरी कहानी में स्वागत करता हूं.

मेरी पहली कहानी
दिवाली के दिन भाभी की चूत चोदी
को पढ़कर लड़कों ने अपने लन्ड को मसल दिया होगा और लड़कियों, भाभियों और आंटियों ने अपनी चूत का सारा पानी छोड़ दिया होगा।

अगर आपने मेरी पुरानी कहानी को न पढ़ा हो तो जरूर पढ़ें.

मैं एक 23 वर्षीय युवक हूँ. मेरे लंड का साइज 6 इंच का है जो किसी भी लड़की या औरत को पूरी तरह से खुश कर सकता है.

यह देसी चूत चुदाई कहानी मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड अंजलि की भाभी के बीच की है.
मैं अपनी गर्लफ्रेंड को तो कई बार चोद चुका हूं. अपनी गर्लफ्रेंड की चुदायी की कहानी अगली बार लिखूंगा.

सबसे पहले मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड की भाभी का फिगर बता देता हूं, उसके बाद हमारी चुदायी की दास्तान शुरू कैसे हुई, बताता हूं.

मेरी गर्लफ्रेंड की भाभी जिसका नाम साक्षी है, उसका फिगर 34-36-38 है, रंग सांवला है लेकिन उनको जो भी एक बार देख ले अपना पानी छोड़े, मुट्ठ मारे बिना रह नहीं सकता।

यह हादसा या यूं कहो कि मेरी किस्मत का जगना कुछ ऐसे शुरू हुआ कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को कई बार चोद चुका था और मैंने उससे सुना था कि उसकी एक भाभी भी है.
गर्लफ्रेंड ने बताया कि उसका भाई भाभी को समय नहीं दे पाता और भाभी चूदाई के लिए तड़पती है.

और मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभियों और आंटियों को चोदने का शौक है तो मैंने एक दिन मजाक में कह दिया- अंजलि, मैं तेरी भाभी से मिलना चाहता हूं.
तो उसने कहा- हां बाबू, जब भी आप चाहो!

मैंने कहा- कभी भी क्यों … दो दिन बाद रविवार है. उन्हें मोंटा पार्क ले आओ.
दिल्ली वाले मोंटा पार्क के बारे में अच्छे से जानते होंगे, मुझे बताने की जरूरत नहीं है.
तो मेरी गर्लफ्रेंड भी जानती थी मोंटा पार्क के बारे में!

लेकिन उसने फिर भी मेरी खातिर एक बार में हां कर दिया.
और मुझे उस समय महसूस हो गया था कि उसने मेरे अंदर के भाव जान लिए थे कि मैं उसकी भाभी को भी चोदना चाहता हूं.
लेकिन उसे इस बात से बिलकुल भी ऐतराज नहीं था क्योंकि वो जानती थी कि उसका भाई उसकी भाभी को संतुष्ट नहीं कर पाता.
यह बात भाभी ने खुद मेरी गर्लफ्रेंड को बताई थी और मेरी गर्लफ्रेंड जानती थी कि मैं उसकी भाभी को एक बार में ही संतुष्ट कर सकता हूं।

फिर शाम को जाकर उसने अकेले में अपनी भाभी से बात की- मेरा बॉयफ्रेंड आपको रविवार को मोंटा पार्क मिलने के लिए बुला रहा है.
भाभी पहले से जानती थी की अंजलि का बॉयफ्रेंड है.

मेरी गर्लफ्रेंड का भाई गांधी नगर मार्केट में काम करता है और उसकी छुट्टी सोमवार को रहती है तो भाभी रविवार को आराम से मिलने आ सकती है.

लेकिन उसने मोंटा पार्क का नाम सुनकर मना कर दिया.

फिर मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरी बात अपनी भाभी से कराई.
तो मैं मिलनसार मुंडा हूं और भाभी भी मिलनसार है तो मैंने बात की भाभी से तो वे आसानी से मान गई.

तब मेरी गर्लफ्रेंड ने बोला अपनी भाभी से- इतनी देर से मैं मना रही थी तब आप मना कर रही थी लेकिन अब उसके (मतलब मेरे) कहने पर मान गई?
तो भाभी कहने लगी- ठीक है, मैं नहीं जाती.

तभी मेरी गर्लफ्रेंड ने तुरंत मुझे फोन लगा दिया और बोली- भाभी नहीं आ रही!
तो मैंने बोला- तो जरूर तूने कुछ बोला होगा.
तभी पीछे से भाभी ने फोन ले लिया और बोली- ये कह रही है कि मैं इसके कहने पर नहीं मानी और आपके कहने पर आ गई.

मैंने भाभी के सामने अंजलि बहुत सुनाया लेकिन झूठ मूठ का … क्योंकि उसकी भाभी की चुदायी वही तो सफल कराएगी।

फिर दो दिन बाद रविवार आ गया.
मैंने उन्हें 11 बजे का समय दिया था लेकिन 10:30 बजे पहुंच कर मैंने सारी तैयारी कर ली थी जैसे कि भाभी को कैसे अपनी तरफ आकर्षित किया जाए.
सारी तैयारी मेरी 10 मिनट में हो गई थी.

वे करीब 11:30 तक आई.
तो मैं तो भाभी को देखते ही उनके ख्यालों में खो गया.
मैंने सोचा कि अंजलि ने जितनी बताया, यह तो उससे भी ज्यादा हॉट एंड सेक्सी माल है.
तो मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे चिकोटी काटी और मैं होश में आया।

मेरे होश में आने के बाद भाभी को देखा.
तो वह हंस रही थी.
मुझे अच्छा लगा कि चलो मेरी वजह से कोई खुश हुआ.

फिर मैंने पूछा- इतना लेट कैसे हो गई मैडम?
तो मेरी गर्लफ्रेंड कुछ बोलती, उससे पहले भाभी बात काटती हुई बोली- वो हमें थोड़े घर के काम थे और ट्रैफिक था इसलिए!

मैं बोला- ठीक है, कोई बात नहीं!

मैंने उनके हाल चाल लिए और उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक लेने के लिए बोला.
उन्होंने ले ली.

तब मैंने पूछा- यहां तक आने में कोई तकलीफ तो नहीं हुई आपको?
तो दोनों ने कहा- नहीं, कोई परेशानी नहीं हुई. बस वो थोड़ा ट्रैफिक था.
मैं बोला- भाभी जी, दिल्ली में इतना तो ट्रैफिक रहता ही है.
उन्होंने बोला- हां ये तो है।

फिर उसके बाद मैंने इशारे से अपनी गर्लफ्रेंड को थोड़ा दूर जाने का इशारा किया और वह तुरंत समझ कर वहां से 10-15 मिनट के लिए चली गई.

और मैं हूं चूत मारने के लिए मनाने के लिए एक्सपर्ट!
मैंने उन्हीं 10-15 मिनट के अंदर ही भाभी के साथ काफी हंसी ठिठोली की और उन्हें इम्प्रेस किया.

वैसे जरूरत नहीं थी क्योंकि उन्हें एक लंड की और मुझे चूत की जरूरत थी.
पर फिर भी मैंने सोचा किसी लड़की भाभी या आंटी को चोदने से पहले उन्हें आरामदायक महसूस कराया जाए ताकि चुदाई करते समय वो अजीब महसूस न करे।

फिर क्या था … मेरा काम हो गया भाभी को मैंने अपने मायाजाल में ऐसे फंसाया कि वह खुद बेसब्री से मुझसे चुदने के लिए तैयार हो गई.

अब हमें जरूरत थी अब एक ऐसे मौके की जब मैं भाभी को चोद सकूं।

फिलहाल के लिए भाभी और मैंने नंबर एक्सचेंज कर लिए थे.

और तभी अंजलि, मेरी गर्लफ्रेंड, भी आ गई.
भाभी को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था, ये उन दोनों ने नोटिस कर लिया था।

फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी आप जाओ, आपको देर हो रही होगी. मैं अंजलि को छोड़ दूंगा बाद में!
तो भाभी समझ गई और उसने अंजलि को आंख मार दी।

भाभी के जाने के बाद मैं अंजलि को एक बढ़िया होटल में ले गया और वहां मैंने उसकी गांड और चूत दोनों दबाकर मारी.

हम दोनों की चुदाई के बाद हमने साथ में शॉवर लिया और मैं अंजलि को उसके घर छोड़ आया।

अंजलि के घर जाने की देरी थी कि भाभी ने अंजलि के ऊपर सवालों की बरसात कर दी.
और अंजलि ने सब कुछ अपनी भाभी को बताया जो मेरे और अंजलि के बीच पहले भी और आज होटल में हुआ।

इसके बाद भाभी की चूत भी पानी छोड़ने लगी.

2 दिन बाद भाभी का फोन आया मेरे पास!
हम दोनों में सेक्स बातें होने लगी.
और मैं उन्हें साथ सेक्स वीडियो कॉल भी करने लगा उन्हें अपने लंड के दर्शन करा के … और वह अपनी चूत के दर्शन कराती थी.

और ऐसे मैं हमसे ज्यादा दिन रुका नहीं जा रहा था तो ऐसे में हम दोनों के भाग्य ने हमारा साथ दिया।

2 दिन बाद अंजलि के भैया को किसी काम से 1 दिन के लिये दिल्ली से बाहर जाना पड़ा और अंजलि अपनी मां के साथ अपनी नानी के घर गई हुई थी.

5-6 दिन के लिए और अंजलि के पापा थे नहीं … तो भैया के ऑफिस के काम से जाने के बाद भाभी उस रात अकेली थी घर पर!
तो उन्होंने मुझे फोन करके बताया- आकाश 2 दिन बाद अंजलि के भैया एक दिन के लिए दिल्ली से बाहर जा रहे हैं तो तुम कोई भी बहाना करके आ जाना।

मेरे लिए चुदाई के लिए बहाना बनाना बड़ी बात नहीं थी तो मैंने ओके कहा.
पर अब ये दो दिन काटने भारी पड़ रहे थे.
इन 2 दिनों में मैंने और भाभी ने सेक्स वीडियो की और सेक्सी कन्वर्सेशन (बातचीत) की।

फिर जैसे तैसे 2 दिन निकले और अंजलि के भैया शाम 6 बजे की गाड़ी से जा रहे थे तो भाभी ने मुझसे कहा तुम 7-8 बजे के बीच आ जाना।

मुझे कुछ छोटे मोटे काम थे वो निपटाकर और घर पर ‘दोस्त का बर्थडे है, आज वहीं रुकूंगा’ यह कहकर मैं घर से निकल गया.

मैं 8 बजने में 10 मिनट पर भाभी के घर पहुंच गया।

भाभी क्या मस्त माल लग रही थी.
उन्होंने हरे रंग का गाउन पहन रखा था जिसमे वो कयामत ढा रही थी.
आज उन्होंने ब्रा पेंटी भी नहीं पहनी थी उनके झूलते बूब्स से पता चल गया था।

मैंने अंदर आते ही मैन गेट को लॉक कर दिया और भाभी को बाहों में लेकर किस करने लगा.

भाभी कहने लगी- बड़े उतावले हो रहे हो?
मैं बोला- भाभी, आपको जबसे देखा है मोंटा पार्क में … मुझसे तो रुका नहीं जा रहा! और आप कह रही हो मैं उतावला हो रहा हूं. आपको नहीं पता कि मैंने ये दिन कैसे निकाले हैं।

भाभी हंसने लगी, कहने लगी- अच्छा ऐसी बात है तो आज पूरी कसर निकाल लेना. आज मैं सिर्फ तुम्हारी हूं.
फिर भाभी बोली- सच कहूं तो जबसे अंजलि ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया है, मैं भी तुमसे चूत की खुजली मिटवाना चाहती थी. पर डर था कि कहीं कोई मुझ पर लांछन न लगाए।
मैंने कहा- भाभी, आप चिंता न करो. अगर बात आप तक आई तो मैं सारी बात अपने ऊपर ले लूंगा।

भाभी बोली- तुम कितने अच्छे और सेक्सी हो!

फिर भाभी मुझे अंदर अपने बेडरूम में ले गई.

बेडरूम में आते ही मैंने हम दोनों के लिए खाना ऑर्डर कर दिया था.


खाना आने तक मैं भाभी के साथ स्मूच करने लगा और भाभी भी मेरा साथ देने लगी.
सच में भाभी बवाल लग रही थी हरे गाऊन में!

भाभी के बाल भी बड़े थे तो खुले बाल भाभी मेरे ऊपर बिखेर रही थी और हम लगातार स्मूच करके एक दूसरे को गर्म कर रहे थे।

मैं स्मूच करते करते भाभी के गाऊन में हाथ डालकर उनकी चूचियों को दबाने और मसलने लगा जिससे भाभी गर्म होने लगी।

फिर मैंने भाभी का गाऊन उतार दिया.
भाभी पूरी ऊपर से नीचे तक नंगी हो गई क्योंकि उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना था.

अब भाभी शर्माने लगी और कहने लगी- तुम भी तो अपने कपड़े उतारो!
मैंने कहा- आप ही उतार लो.

भाभी ने पहले मेरी टीशर्ट उतारी, उसके बाद मेरी पैन्ट उतारी.
मैंने भी अंदर कुछ नहीं पहना था।

इतनी देर में घर की डोरबेल बजी.
मैं तौलिया लपेट कर खाना ले आया और फिर मैंने और भाभी ने खाना खाया।

उसके बाद मैंने भाभी को इतनी बेरहमी से किस किया कि भाभी इतने में ही झड़ गई और मेरा लंड भी एकदम कड़क हो गया.

उसके बाद भाभी ने मेरा तौलिया उतारा जैसे वो जन्मों की प्यासी हों.

तौलिया उतरते ही भाभी के सामने मेरा फनफनाता हुआ लंड सामने आ गया जिसे देखकर भाभी की आंखें चौड़ी हो गई.

मैंने कहा- भाभी, लंड देखते ही आंखें चौड़ी हो गई तो अंदर जब लंड जाएगा तो क्या होगा?
वे हंसने लगी।

फिर मैं भाभी के दोनों बूब्स को लगातार चूसता रहा और भाभी मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
मैंने कहा- भाभी, इतनी जल्दी क्या है? आज तो पूरी रात अपनी है.

पर भाभी बोली- मुझसे रुका नहीं जा रहा. तेरा लंड कितना बड़ा है आकाश!
मैंने कहा- आपको देखकर हो गया।

फिर मैंने भाभी के दोनों बूब्स को चूसकर पूरा खाली और लाल कर दिया.
भाभी अह आह आह करने लगी.

फिर मैं उनकी नाभि के अंदर जीभ डालकर चाटने लगा.
भाभी की सिसकारी निकलने लगी और वे झड़ गई.

मैंने कहा- भाभी, अगली बार झड़ने से पहले बता देना. मैं आपका अमृत पीना चाहता हूँ.
भाभी हंसती हुई बोली- ठीक है।

मैं और भाभी एक दूसरे से चिपककर फिर एक दूसरे को किस करने लगे और एक दूसरे की जीभ से जीभ लड़ाने लगे जैसे हम में शर्त लगी हो कि कौन अच्छे से चूस सकता है.

फिर मैं और भाभी एक दूसरे की लार को पीने लगे.

भाभी ने बड़ी कातिलाना लिपस्टिक लगा रखी थी जिससे उनकी लार में उनकी लिपिस्टिक का स्वाद आ रहा था।
मैं तो उस समय जन्नत की सैर कर रहा था।

भाभी कहने लगी- अब और मत तड़पाओ. अब जल्दी से मेरे अंदर अपना लंड डाल दो. अब मुझसे रुका नहीं जा रहा!

फिर मैं भाभी के ऊपर आ गया और लंड को भाभी की चूत में डालने लगा.
पर उनकी चूत बहुत टाइट थी क्योंकि उनका पति नामर्द था जो चुदाई शुरू होने से पहले की खत्म कर देता था।

मैंने भाभी से पूछा- भाभी तेल कहाँ है?
वे बोली- ड्रावर में रखा हुआ है.

ड्रावर में नारियल का तेल रखा था.
मैंने बहुत सारा तेल भाभी की चूत में डाला और थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और नीचे तकिया रख दिया ताकि आराम से लंड चूत में जा सके।

तेल डालते के साथ ही उनकी चूत थोड़ी ढीली पड़ी तो मैंने भाभी को किस करते हुए बातों में लगाए हुए एक जोर का झटका उनकी चूत में लगा दिया.
अभी मेरे लंड का आगे का टोपा ही अंदर जा पाया था कि भाभी की आंखें फैल गई, वे चिल्लाने को होने लगी.
पर मैंने उनके होंठों को दबाकर रखा था जिससे आवाज बाहर तो नहीं आ रही थी पर उनके चेहरे के हावभाव से पता चल रहा था कि वे कितने दर्द में हैं।

मैं थोड़ी देर रुका रहा, भाभी के चूचे मसलता रहा और किस करता रहा.
जिससे वे थोड़ी नॉर्मल हो पाई.

जैसे ही मैंने देखा कि वे अब ठीक हैं, मैंने मौका पाते ही एक और जोर का झटका लगा दिया जिससे मेरा लंड पूरा अंदर चला गया.
और भाभी रोने को होने लगी।

मैंने उनके होंठ नहीं छोड़े और उन्हें समझाया- जान, शुरू में थोड़ा दर्द होगा. पर बाद में बहुत मजा आएगा.

पर भाभी रोते जा रही थी.

फिर मैं लंड अंदर रखे हुए ही उनके मुंह में जीभ डालकर चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद भाभी बोली- अब चोदो जानू!

मैंने सिग्नल पाते ही ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
लंड दनादन अंदर बाहर करने लगा.

मेरा लंड भाभी की बच्चेदानी तक जाने लगा।

भाभी इतने में दो बार झड़ चुकी थी, तीसरी बार झड़ने वाली थी.
और यहां मेरा भी पानी निकलने को हुआ तो मैं बोला- भाभी, मेरा निकलने वाला है, कहां निकालूं?
उन्होंने कहा- अंदर ही निकाल दो. मैं तुमसे अपना बच्चा चाहती हूं।

भाभी का पति नामर्द था, यह भाभी ने टेस्ट नहीं कराया था.
उनकी शादी को 3 साल हो गए थे और उनका कोई बच्चा नहीं था.
और भैया भाभी हफ्ते में एक से दो बार सेक्स करते हैं पर भाभी का पति पांच मिनट में ही झड़ जाता है।

मैंने भाभी से कहा- मैं अंदर डाल देता हूं. पर मेरे बाद तुम अपने पति के साथ कम से कम एक से दो बार सेक्स करना जिससे अगर मेरा बच्चा तुम्हारे अंदर ठहर जाता है तो किसी को शक न हो ऐसे में!

मैं और भाभी साथ में झड़ गए.
भाभी के अंदर से तो एकदम से गरम लावा सा निकल रहा था.
मेरी धाकड़ चुदाई से भाभी की बंद सील भी टूट गई क्योंकि भैया के लंड में इतना दम नहीं था कि वे भाभी की सील तोड़ पाते।

मेरे और भाभी के एक साथ झड़ने ओर भाभी की सील टूटने के चलते भाभी की चूत से दोनों का स्पर्म और खून बाहर निकलने लगा।

देसी चूत चुदाई के दौरान भाभी इतना क्यों रो रहीं थी अब समझ आया उनकी सील टूट जाने के चक्कर में!

हम दोनों बहुत थक गए थे.
भाभी का पहली बार था ऐसा सेक्स!
इसलिए वे थक गई थी.
और उसी दिन के दोपहर में मैं अपनी दूसरी गर्लफ्रेड को चोदकर आया था।

हम दोनों चुदाई के बाद किस करते करते एक दूसरे से चिपककर सो गए.

फिर मेरी आंख सीधा सुबह खुली 7 बजे के आस पास!
वो भी भाभी ने लंड मुंह में लेकर जगाया.

मैंने सोचा था पूरी रात अगली सुबह तक जमकर भाभी को चोदूंगा.
लेकिन दो दिन से भाभी की चुदाई के बारे में सोचते हुए नींद ही नहीं आई फिर भी हम 4 बजे के आस पास सोए थे।

भाभी ने सुबह उठते ही मुझे उठाया और फ्रेश होने जाने लगी.

सुबह उठते ही मेरा लंड चरम सीमा पर था, मैंने भाभी को वही पटककर फिर से चोद दिया.
और भाभी ‘आह आह आह’ करती हुई झड़ गई.

सुबह भी भाभी का काफी ज्यादा मात्रा में पानी निकला.
मेरा अभी तक नहीं निकला था तो मैंने भाभी से कहा- भाभी, मुंह में ले लो और मेरा पानी भी निकालने में मदद करो!
भाभी हंसती हुई बोली- जी पतिदेव!
मैंने हंसते हुए कहा- ओह ओह पतिदेव?

भाभी ने मेरा लंड मुंह में लेकर चूस चूस कर मेरा सारा पानी निकाल कर पी गई।

फिर मैं और भाभी वॉशरूम में नहाने चले गए.
भाभी से चला भी नहीं जा रहा था.

मैं भाभी को उठाकर वॉशरूम में ले गया और वहां मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे नहलाया और एक छोटा सा राउंड हमने शॉवर के नीचे भी लिया.
बाहर आकर हम एक दूसरे को किस करने लगे.

फिर भाभी और मैंने साथ में नाश्ता किया जो मैंने बाहर से ऑर्डर किया था।

नाश्ता करके मैंने भाभी के लिए मेडिकल स्टोर से दर्द की गोली लाकर दी और उन्हें एक लंबा स्मूच करके वहां से निकल गया।

उसके बाद मैंने उनकी दबाकर गांड भी मारी.
उसके बारे में अगली बार लिखूंगा.

आपको यह देसी चूत चुदाई कहानी कैसी लगी?
मेल करके मुझे जरूर बतायें.
मुझे आपके कमेंट का भी इंतजार रहेगा।
Khemchandtak848@gmail.com
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टिफिन सर्विस सविता भाबी



कंपनी से बुरी तरह निकाले जाने के बाद, सविता भाभी टिफिन सर्विस का व्यवसाय शुरू करती हैं।
एक दिन, जब वह नग्न शरीर पर सिर्फ एक एप्रन पहने हुए खाना बना रही थी, तभी डिलीवरी बॉय आ गया।

कहने की जरूरत नहीं कि डिलीवरी बॉय को सविता की नंगी गांड की झलक जरूर मिल गई होगी।

सविता के स्वादिष्ट भोजन और हॉट फिगर ने उसे अच्छी संख्या में ग्राहक दिला दिए हैं।

लेकिन एक दिन एक बड़े व्यापारी करण को खाना खराब लगा।
गुस्से में उसने सविता को अपने घर बुलाया और वहीं पर उसे खाना बनाने को कहा।

अपने व्यापार की बदनामी से बचने के लिए सविता उसके घर जाती है और खाना बनाना शुरू कर देती है।

तो फिर करण हॉट फिगर वाली सविता से कैसे फ्लर्ट करता है?
क्या सविता अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए करण को वह सब करने देगी जो वह करना चाहता है?
वे दोनों मिलकर नल्ली निहारी बनाते हैं।

यह नल्ली निहारी क्या है?
क्या यह नल्ली निहारी सविता के गले या चूत में जायेगी?


अधिक जानने के लिए देखें सविता भाभी का पूरा एपिसोड 87 – टिफिन सर्विस।


अगर आपको यह ट्रेलर पसंद आया और आप जानना चाहते हैं कि सविता भाभी ने करण को कैसे खुश किया … तो Google.com पर जाएं और “Savita Bhabhi Video” खोजें।
आप पहले परिणाम में आधिकारिक सविता भाभी वीडियो साइट देखेंगे।

या आप सीधे ट्रेलर वीडियो के अंत में बताई गई वेबसाइट पर जा सकते हैं।

आप नीचे दिए गए टेलीग्राम बटन पर क्लिक करके सविता भाभी टेलीग्राम चैनल के सदस्य बनकर सविता भाभी वीडियो का पहला एपिसोड एकदम मुफ्त देख सकते हैं. साथ ही आपको नई प्रकाशित वीडियो और नए नए ऑफर, डिस्काउंट आदि की नवीनतम जानकारी मिलती रहेगी.




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